217 करोड़ की लागत वाली योजना, लिट्टीपाड़ा प्रखंड वासियों को नहीं दे सकी एक बूंद पानी!
पाकुड़: 15 नवंबर 2025 वैसे तो कहने को झारखंड को बिहार से अलग हुए 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन झारखंड का सबसे पिछड़ा जिला पाकुड़ आज भी शुद्ध पेयजल की संकट से जूझ रही है मामला पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा की हैं, प्रखंड मुख्यालय में आज प्रखंड क्षेत्र के अनेकों गांवों के आदिवासीयों ने पेयजल की समस्या को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया, प्रदर्शन की अगुवाई स्थानीय आदिवासी नेता शिवचरण मालतों ने किया, 2016- 17 में लिट्टीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के लोगों को घर-घर पानी पहुंचाने को लेकर 217 करोड़ की लागत से ग्रामीण जलापूर्ति योजना की शुभारंभ की गई थी और इसे पूर्ण करने की लक्ष्य 2019 तक थी, लेकिन 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रखंड क्षेत्र के गांवो को एक बूंद पानी तक नहीं मिली, और इसको लेकर सालों से कई बार प्रदर्शन होता आया हैं लेकिन किसी को इस क्षेत्र के आदिवासियों की कोई परवाह नहीं?
अततः ग्रामीणों को एक बड़ा आंदोलन का रूप देना पड़ा, और आज आदिवासियों ने लिट्टीपाड़ा प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन देकर 10 दिनो में समस्या का समाधान करने समय दिया हैं अगर ससमय समस्या का समाधान नहीं होता हैं तो ग्रामीणों ने कहां की अब आर और पार की लड़ाई होगी, यानि उग्र आंदोलन किया जाएगा।



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